खाटू श्याम बाबा का मंदिर कहां है, खाटू श्याम बाबा का मंदिर किस शहर में है?
खाटू श्याम बाबा का मंदिर, राजस्थान के सीकर ज़िले के खाटू गांव में स्थित है। यह मंदिर, कृष्ण भगवान के मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध मंदिर, है। जो खाटू श्याम बाबा जी के नाम से जाना जाता है।
खाटू श्याम बाबा का दर्शन करने के लिए लोग बहुत दूर दूर से आते है। ओहि लोग जा पाते है जिनका बुलावा आता है। नही तो लोग सोचते रहते है जा नहीं पाते है।
खाटूश्यामजी भारत के राज्य राजस्थान के सीकर जिले का एक महत्वपूर्ण कस्बा है। जो ओहि खाटूश्यामजी के मन्दिर के लिए प्रसिद्ध है। बाबा खाटू श्याम जी का संबंध महाभारत कालीन बताया जाता है। कथाओं में खाटू श्याम मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है।
खाटू श्याम मंदिर का रास्ता
खाटू नगरी के समीप ही रींगस जंक्शन , श्रीमाधोपुर रेलवे स्टेशन है जहां से खाटू पहुंचा जा सकता है । श्रीमाधोपुर डिपो की रोडवेज बसों की सुविधा यहां पर उपलब्ध है । रींगस से भी आसपास के स्थानो के लिये बसें है । दूर के बड़े शहरों के लिये बसें श्रीमाधोपुर , सीकर व जयपुर से उपलब्ध है।
खाटू श्याम मंदिर नजदीकी शहर
सीकर
श्रीमाधोपुर
रींगस
चोमू
नीम का थाना
मुख्य शहरों से दूरी
दिल्ली: 266 किमी
जयपुर: 80 किमी
इन्दौर: 680 किमी
जबलपुर: 1000 किमी
जीणमाता: 26 किमी
सालासर बालाजी:105 किमी
खाटूश्यामजी संपादित करें
खाटूश्यामजी का मन्दिर जो प्रसिद्ध मकराणा मार्बल से बना हुआ है कस्बे का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण है। खाटूश्यामजी को कलयुग के देवता माना जाता है।
श्याम कुंड
मंदिर से कुछ दूरी पर ही पवित्र श्याम कुंड स्थित है। बाबा श्याम का शीश इसी जगह से प्राप्त हुआ था इस वजह से इस कुंड के पानी को बड़ा पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह पानी पाताल लोक से आता है और जो भी व्यक्ति इस पानी से स्नान करता है उसके सभी पाप धुल जाते हैं। पुरुषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग कुंड बने हुए हैं। कुंड के पास में ही छोटे श्याम मंदिर के साथ-साथ अन्य कई मंदिर बने हुए हैं।
श्याम बगीची
मन्दिर के पास में एक समृद्ध बाग है, जहाँ से देवता को समर्पित करने के लिए फूल प्राप्त किये जा सकते हैं।
गौरीशंकर मन्दिर
यहाँ शिव मन्दिर भी है, जो खाटू श्यामजी के मन्दिर के पास में ही है।
जो भी व्यक्ति खाटू श्यामजी का दर्शन करने जाता है तो दर्शन करने के बाद फिर ओ सालासर बालाजी:105 किमी है जो है वहां भी दर्शन करने चला जाता है। एक साथ दोनों जगह का दर्शन हो जाता है।
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