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सावन महीना कि कहानी

सावन महीना इस वर्ष २०२३ में ४ जुलाई, दिन मंगलवार से शुरू होने जा रही हैं यह महीना भगवान शिव को अति प्रिय है सावन का पहला सोमवार १० जुलाई २०२३ को है
सावन के महीने कावड यात्रा भी होती है, जो इस महीने में ४ जुलाई से शुरू होगी जो कि १५ जुलाई २०२३ को शनिवार के दिन जल चढ़ाने के साथ कावड यात्रा समाप्त होगी
Sawan 2023 Important list

सावन महीना कि कहानी एक गांव में एक गरीब परिवार की है जो आदिवासी समुदाय से संबंध रखता है। गांव में सावन महीना बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हर वर्ष गरीब परिवार आपसे बड़े परिवारों के यहां नहीं जा सकता है। इस कहानी में एक ऐसी ही गरीब परिवार की कहानी है।

इस परिवार में एक पिता, माता, बेटा और एक बेटी रहती है। पिता दिनभर मेहनत करता है और धन की कमी के कारण अपने परिवार की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता है।
बेटा और बेटी स्कूल जाने के बावजूद भी ज्यादा देर तक आदिवासी गानों के बीच खिड़खिड़ाते रहते हैं।

आत्मसम्मान और गर्व के मामले में यह परिवार किसी को पीछे नहीं रखता। गांव के लोग इसे बहुत प्यार करते हैं क्योंकि यह परिवार उनकी प्राकृतिक और सामाजिक रंगमंच पर अपनी पहचान बना चुका है।

सावन के महीने में गांव में दिन सुबह से ही धूमधाम छाया रहता है। लोग मटका लेकर जल संग्रहण करने जाते हैं और गांव के मंदिर में कई यात्री जाते हैं। इस महीने में ग्रामीणों के बीच ठाकुर यज्ञ आयोजित करते हैं जिसमें उनका पूरा परिवार भाग लेता है।


ग्रामीण परिवार अच्छे कपड़ों में ढ़ाल-भाल कर के यज्ञ के लिए जाते हैं और उचित भोजन का एहसान करते हैं। कहानी के प्रिय


Sawan 2023: देवों के देव महादेव का प्रिय महीना सावन 4 जुलाई 2023 से शुरु हो रहा है. वैसे तो पूरे सावन में शिव का जलाभिषेक किया जाता है, इसमें सोमवार का दिन विशेष माना गया है. मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत रखकर शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने वालों पर महादेव की विशेष कृपा बरसती है.

शास्त्रों के अनुसार सावन में सोमवार के अलावा भी कुछ महत्वपूर्ण तिथियां है जिसमें शिवलिंग की पूजा करने से भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्त के सारे कष्ट हर लेते हैं।

आइए जानते हैं।सावन में शिव पूजा की प्रमुख तिथियां.


सावन 2023 प्रमुख तिथियां

Sawan 2023 Important Tithi

शिव पूजा के लिए प्रमुख तिथियां दिनांक
मौना पंचमी 7 जुलाई 2023
शुक्र प्रदोष व्रत 14 जुलाई 2023 शुक्रवार
सावन शिवरात्रि 15 जुलाई 2023 शनिवार
सावन अमावस्या 17 जुलाई 2023 सोमवार
रवि प्रदोष व्रत 30 जुलाई 2023 रविवार
रवि प्रदोष व्रत (अधिकमास) 13 अगस्त 2023 रविवार
मासिक शिवरात्रि (अधिकमास) 14 अगस्त 2023 सोमवार
नाग पंचमी 21 अगस्त 2023 सोमवार
सोम प्रदोष व्रत 28 अगस्त 2023 सोमवार
सावन पूर्णिमा 31 अगस्त 2023


सावन में शिव जी के जलाभिषेक का महत्व

Sawan Jalabhishek Significance


शिव पुराण के अनुसार सावन में ही समुद्र मंथन हुआ था, जिसमें शिव जी ने विष पान कर समस्त सृष्टि की रक्षा की थी लेकिन इस हलाहल विष के कारण वह असहज हो गए. उनके गले में असहनीय दर्द उठा. विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी- देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया. यही वजह है कि सावन में शिवलिंग का जलाभिषेक करने का विधान है. मान्यता है सावन में शुभ तिथियों पर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाए तो व्यक्ति के सारे दुख, दोष, रोग दूर हो जाते हैं.

सावन 2023 शिव को जल चढ़ाने के नियम (Sawan Jalabhishek Niyam)
जल चढ़ाने का पात्र - शास्त्रों में बताया गया है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए तांबे, कांसे या चांदी के पात्र सबसे अच्छा माना जाता है. वहीं दूध चढ़ाने के लिए पीतल या चांदी के बर्तन का प्रयोग करें.
सही दिशा - शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय साधक को उत्तर दिशा की ओर मुख करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिशा में मुख करके जलाभिषेक करने पर माता पार्वती और शिव जी दोनों का आशीर्वाद मिलता है.
कैसे चढ़ाएं जल - भोलेथान को जल अर्पित करते समय जल की एक पतली धारा बनाकर मंत्र जाप करते हुए जल चढ़ाएं. शिवलिंग पर कभी खड़े होकर जल नहीं चढ़ाना चाहिए, इसे भोलेथान स्वीकार नहीं करते हैं. बैठकर और शांत मन से जलाभिषेक करें.
इस चीज न करें उपयोग - शिव शंभू की पूजा में शंख वर्जित है, ऐसे में शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए शंख का इस्तेमाल न करें. शिवपुराण के अनुसार, शिवजी ने शंखचूड़ नाम के दैत्य का वध किया था. ऐसा माना जाता है कि शंख उसी दैत्य की हड्डियों से बने होते हैं। इसलिए शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। 

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