दशहरा के दिन के पीछे कई कहानियाँ हैं। जिनमे सबसे प्रचलित कथा हैं भगवान राम का युद्ध जीतना अर्थात रावण की बुराई का विनाश कर उसके घमंड को तोड़ना।
राम अयोध्या नगरी के राजकुमार थे। उनकी पत्नी का नाम सीता था। एवम उनके छोटे भाई थे। जिनका नाम लक्ष्मण था। राजा दशरथ राम के पिता थे। उनकी पत्नी कैकई के कारण इन तीनो को चौदह वर्ष के वनवास के लिए अयोध्या नगरी छोड़ कर जाना पड़ा। उसी वनवास काल के दौरान रावण ने सीता का अपहरण कर लिया।
रावण चतुर्वेदो का ज्ञाता महाबलशाली राजा था। जिसकी सोने की लंका थी। लेकिन उसमे अपार अहंकार था। वो महान शिव भक्त था और खुद को भगवान विष्णु का दुश्मन बताता था। वास्तव में रावण के पिता विशर्वा एक ब्राह्मण थे एवं माता राक्षस कुल की थी। इसलिए रावण में एक ब्राह्मण के समान ज्ञान था एवम एक राक्षस के समान शक्ति और इन्ही दो बातों का रावण में अहंकार था। जिसे ख़त्म करने के लिए भगवान विष्णु ने रामावतार लिया था।
राम ने अपनी सीता को वापस लाने के लिए रावण से युद्ध किया। जिसमे वानर सेना एवम हनुमान जी ने राम का साथ दिया। इस युद्ध में रावण के छोटे भाई विभीषण ने भी भगवान राम का साथ दिया और अन्त में भगवान राम ने रावण को मार कर उसके घमंड का नाश किया।
इसी विजय के स्वरूप में प्रति वर्ष विजियादशमी मनाई जाती हैं।
दशहरा का मैला कब है। (Dussehra Festival Mela)
इस बार 05/010/22 को दिन बुधवार को दशहरा का मैला मनाया जाएगा जिसमे कई दुकाने एवम खाने पीने के आयोजन होते हैं।उन्ही आयोजनों में नाट्य नाटिका का प्रस्तुतिकरण किया जाता हैं।
इस दिन घरों में लोग अपने वाहनों को साफ़ करके उसका पूजन करते हैं। व्यापारी अपने लेखा का पूजन करते हैं। किसान अपने जानवरों एवम फसलो का पूजन करता हैं। इंजिनियर अपने औजारों एवम अपनी मशीनों का पूजन करते हैं।
इस दिन घर के सभी पुरुष एवम बच्चे दशहरे मैदान पर जाते हैं। वहाँ रावण, कुम्भकरण एवम रावण पुत्र मेघनाथ के पुतले का दहन करते है. सभी शहर वासियों के साथ इस पौराणिक जीत का जश्न मनाते हैं। मैले का आनंद लेते हैं। उसके बाद शमी पत्र जिसे सोना चांदी कहा जाता हैं उसे अपने घर लाते हैं. घर में आने के बाद द्वार पर घर की स्त्रियाँ, तिलक लगाकर आरती उतारकर स्वागत करती हैं. माना जाता हैं कि मनुष्य अपनी बुराई का दहन करके घर लौटा है, इसलिए उसका स्वागत किया जाता हैं। इसके बाद वो व्यक्ति शमी पत्र देकर अपने से बड़ो के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेता हैं।
इस प्रकार घर के सभी लोग आस पड़ोस एवम रिश्तेदारों के घर जाकर शमी पत्र देते हैं एवम बड़ो से आशीर्वाद लेते हैं, छोटो को प्यार देते हैं एवम बराबरी वालो से गले मिलकर खुशियाँ बाटते हैं।
अगर एक पंक्ति में कहे तो यह पर्व आपसी रिश्तो को मजबूत करने एवम भाईचारा बढ़ाने के लिए होता हैं, जिसमे मनुष्य अपने मन में भरे घृणा एवम बैर के मेल को साफ़ कर एक दुसरे से एक त्यौहार के माध्यम से मिलता हैं।
इस प्रकार यह पर्व भारत के बड़े- बड़े पर्व में गिना जाता हैं एवम पुरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं।
हमारे देश में धार्मिक मान्यताओं के पीछे बस एक ही भावना होती हैं, वो हैं प्रेम एवं सदाचार की भावना. यह पर्व हमें एकता की शक्ति याद दिलाते हैं जिन्हें हम समय की कमी के कारण भूलते ही जा रहे हैं, ऐसे में यह त्यौहार ही हमें अपनी नींव से बाँधकर कर रखते हैं।
दशहरे का बदलता रूप
Happy Dussehra 2022 Wish,
Happy Dussehra Wish
Happy Dussehra wishe Frinds
आज के समय में त्यौहार अपनी वास्तविक्ता से अलग जाकर आधुनिक रूप ले रहे हैं, जिसने इसके महत्व को कहीं न कहीं कम कर दिया हैं। जैसे-
दशहरे पर एक दुसरे के घर जाने का रिवाज था, अब ये रिवाज मोबाइल कॉल एवम इंटरनेट मेसेज का रूप ले चुके हैं।
खाली हाथ नहीं जाते थे, इसलिए शमी पत्र ले जाते थे, लेकिन अब इसके बदले मिठाई एवम तौहफे ले जाने लगे हैं, जिसके कारण यह फिजूल खर्च के साथ प्रतिस्पर्धा का त्यौहार बन गया हैं।
रावण दहन के पीछे उस पौराणिक कथा को याद रखा जाता था, जिससे एक सन्देश सभी को मिले कि अहंकार सर्वनाश करता हैं।
लेकिन अब तरह- तरह के फटाके फोड़े जाते हैं, जिनके कारण फिजूल खर्च बढ़ गया हैं। साथ ही प्रदुषण की समस्या बढ़ती जा रही हैं एवम दुर्घटनायें भी बढती जा रही हैं।
इस प्रकार आधुनिकरण के कारण त्यौहारों का रूप बदलता जा रहा हैं। और कहीं न कहीं आम नागरिक इन्हें धार्मिक आडम्बर का रूप मानकर इनसे दूर होते जा रहे हैं।
इनका रूप मनुष्यों ने ही बिगाड़ा हैं। पुराणों के अनुसार इन सभी त्योहारों का रूप बहुत सादा था। उसमे दिखावा नहीं बल्कि ईश्वर के प्रति आस्था थी। आज ये अपनी नींव से इतने दूर होते जा रहे हैं कि मनुष्य के मन में कटुता भरते जा रहे हैं। मनुष्य इन्हें वक्त एवम पैसो की बर्बादी के रूप में देखने लगा हैं।
हम सभी को इस वास्तविक्ता को समझ कर सादगी के रूप में त्यौहारों को मनाना चाहिये. देश की आर्थिक व्यवस्थता को सुचारू रखने में भी त्यौहारों का विशेष योगदान होता हैं इसलिए हमें सभी त्यौहार मनाना चाहिये।
Happy Dussehra wishes 2022
Happy Dussehra 2022 Wishes:- बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में हर साल दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इसे विजयदशमी के नाम से भी जानते हैं। इस खास मौके पर इन तस्वीरों और संदेशों के माध्यम से दशहरा की शुभकामनाएं दें।
Happy Dussehra Wishe दशहरा का पर्व पूरे देश में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। नवरात्र समाप्त होते ही दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इसे विजयदशमी नाम से भी जानते हैं। बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में दशहरा का पर्व मनाया जाता है।
दशहरा का पर्व परिवार दोस्तों के साथ मिलकर खुशियां मनाने का होता है। इस दिन हर कोई एक दूसरे से मिलकर विजयदशमी की बधाई देते हैं। ऐसे में अगर आपके करीबी। दोस्त या रिश्तेदार दूर है। तो इन मैसेज, तस्वीरों के माध्यम से दशहरे की शुभकामनाएं भेज सकते हैं।
टिप्पणियाँ