Baba Puranmal Mandir बाबा पूरनमल मंदिर किस जगह है ? बाबा बिसाह भक्त पूर्णमल की पूजा क्यों कि जाती है।

Baba Puranmal Mandir बाबा पूरनमल मंदिर किस जगह है ? बाबा बिसाह भक्त पूर्णमल की पूजा क्यों कि जाती है।

बाबा पूर्णमल का मंदिर गुड़गांव, हरियाणा, आईएमटी मानेसर,कासन गांव में इस्थी है। बाबा पूर्णमन के साथ शिव भोल शंकर भगवान और गणेश भगवान, नन्दी महाराज जी का भी मूर्ति है।
Baba Puranmal Mandir -बाबा पूरनमल मंदिर

बाबा पूर्णमल मंदिर पर बहुत बहुत दूर दूर से चल कर लोग दर्शन करने आते है। पूरे परिवार के साथ सब आते है दर्शन करने।
और जो भी सच्चे मन से बाबा पूर्णमल के मंदिर मनोकामना लेकर आते है। बाबा उनका मनोकामना पूरा करते है।
Baba Puranmal Mandir (बाबा पूरनमल मंदिर) किस जगह है ?

गांव के बाबा बिसाह भक्त पूर्णमल मंदिर में लगे हर वार्षिक मेले में दूसरे दिन मंगलवार को आस्था का सैलाब उमड़ा है। मान्यता और परंपरा के अनुसार, चतुर्दशी (स्थानीय भाषा में चौदस) के मेले का विशेष महत्व माना जाता है। 
Baba Puranmal Mandir बाबा पूरनमल मंदिर कासन

कासन गांव में वर्षों से बाबा बिसाह भक्त पूर्णमल मंदिर में मेला लगता आ रहा है। 
Baba Puranmal Mandir (बाबा पूरनमल मंदिर) कासन गांव

चालकोट के राजा के पुत्र चौरंगीनाथ (जो गोरखनाथ के संपर्क में आकर पूर्णमल बने) एक बार काशी जा रहे थे। यहां पहुंचने पर उन्होंने किसी से गांव का नाम पूछा, तो वह कासन को काशी समझकर तप करने लगे। गांव के बाबा बिसाह ने उनकी खूब सेवा की। सेवा से प्रसन्न होकर उन्होंने अपने नाम के साथ उनका नाम पहले जोड़कर पूजने का वरदान दे दिया।

जय बाबा बिसाह भक्त पूर्णमल चौरंगीनाथ
Baba Puranmal Mandir (बाबा पूरनमल मंदिर) कासन गांव

तभी से यहां बाबा बिसाह भक्त पूर्णमल की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि भाद्रपद की द्वादशी से हर साल मेला शुरू होता है 
जो चतुर्दशी को संपन्न होता है।
गांव में है सामाजिक सौहार्द।
Baba Puranmal Mandir (बाबा पूरनमल मंदिर) कासन गांव


नरेश पंडित ने बताया कि गांव में आज तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। गांव हिंदु बाहुल्य है। यहां मुस्लिम समुदाय के करीब 150 परिवार रहते हैं। दोनों समुदाय पूरे सौहार्द से एक दूसरे की खुशी में शामिल होते हैं। गांव में किसी प्रकार का दंगा, आपसी विवाद या झगड़ा कभी नहीं हुआ। 
बाबा भोले शंकर कि मूर्ति कासन गांव

मान्यता के अनुसार, शादी के समय गठजोड़े की जात और नवजात शिशुओं का मुंडन भी मंदिर में होता है। 
इस मेले को गुड़गांव का सबसे प्राचीन मेला कहा जाता है। यहां प्राचीन समय से ही दंगल होता है।
गणेश भगवान कि मूर्ति कासन गांव

गुड़गांव (ब्यूरो)। कासन गांव के मेले मे हर साल दंगल का प्रतियोगिता रखी जाती है।  
और जितने वाले को लाखो रूपये का ईनाम से सम्मानित किया जाता है। और लोग बहुत उत्साहित होकर कुस्ती का देखते है।
और सन्डे को बहुत ज्यादा भीड़ होता है।
बहुत दूर से लोग दर्शन करने आते रहते है। कासन गांव में ।
Baba Puranmal Mandir kha hai
बाबा पूर्णमल मंदिर पर भंडारा भी होता हैं।
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