छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योगी सरकार दे रही फ्री स्कूटी। Free Scooty Scheme
आप को बता दू कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि मेरा सरकार सत्ता में दुबारा आया तो मैं मेधावी छात्राओं के लिए फ्री स्कूटी स्कीम 2022 को लागू करुगा
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दोबारा सत्ता अपने हाथों में लेली है। इसी के साथ यूपी सरकार अपने मैनिफेस्टो में किए गए वादों पर भी अमल करने की तैयारी में लग गई है।
इसी के तहत यूपी सरकार उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय जाने वाली सभी मेधावी छात्राओं के लिए फ्री स्कूटी स्कीम 2022 को लागू करूगा।
मेधावी छात्राओं को स्कूटी देने की स्कीम का यह प्वाइंट भाजपा के लोक संकल्प पत्र में भी शामिल था।
जिस पर सरकार अब तेजी से काम कर रही है।
प्रधानमंत्री स्कूटी योजना 2022 uttar Pradesh
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा चलाई जाने वाली इस स्कीम का नाम रानी लक्ष्मीबाई योजना है। और इसे पीएम स्कूटी योजना के नाम से भी जाना जाता है।
UP Scooty Yojana 2022
मुख्यमंत्री स्कूटी योजना 2022
विशेष योग्यजन स्कूटी योजना
जनजाति स्कूटी योजना
जिसके तहत वे छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। और मेधावी छात्राओं के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिला है। और उत्तर प्रदेश में महिला बहुत खुश नजर आ रही है।
और विश्वविद्यालय की सभी मेधावी छात्राओं के आंकड़ों को जुटाने के बाद सरकार अपने बजट के मुताबिक इस योजना के अंतर्गत कार्य करेगी।
यह भी माना जा रहा है की सरकार मेधावी छात्राओं का चुनाव करने के लिए इंटरमीडिएट यानी बारहवीं कक्षा में प्राप्त किए गए अंको को आधार बना सकती है।
वहीं पीजी (पोस्ट ग्रैजुएशन) की छात्राओं के लिए उनके स्नातक (ग्रैजुएशन) के अंकों को आधार बनाया जा सकता है।
केवल उत्तर प्रदेश कि ही महिला ही इस योजना का लाभ ले सकेगी।
महिला की परिवार की आय 250000 से अधिक आय नही होना चाहिए।
इस योजना का लाभ परिवार के एक ही छात्र ले सकता है।
इसके लिए।
इन चीजों का होना आवश्यक है।
आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, 12 का मार्शीट होना चाहिए । निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए।
आप को बता दें कि इससे पहले इस तरह की योजना राजस्थान सरकार द्वारा वहां की छात्राओं के लिए भी लागू की गई है। देवनारायण स्कूटी योजना 2022 के तहत वहां की छात्राओं को मुफ्त स्कूटी दी जाती है। जिसके लिए छात्राओं को बारहवीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाना अनिवार्य होता है।
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